Kahin wo to nahin – Hindi Poem

वो जो पलक झपकते ही गुज़र जाता है
एक लम्हा तो नहीं ?
वो जो खुशबु से सबको महकाता है
एक गुलाब का फूल तो नहीं?
वो जो होठो पर आकर खिल जाती है
एक मुस्कराहट तो नहीं?
वो जो अच्छे अच्छों को तड़पाती है
एक जुदाई की रात तो नहीं?
वो जो बार बार आती है
किसी की याद तो याद तो नहीं?
वो जो दिल से कभी न जाती है
किसी की फरियाद तो नहीं?
वो जो लब पर आकार ठहर जाती है
कोई अनकही बात तो नहीं?
वो जो सबको रोज़ जगाती है
कोई बुलंद आवाज़ तो नहीं?
और वो जो कविता लिखाते हैं
कोई छुपे हुए अरमान तो नहीं?

Jeevan Ki Sacchai-Hindi Poem

जीवन की सच्चाई को जानें हम अच्छी भाँती
फिर भी हम क्यों हैं इतना इतराते
पल की देर नहीं की टूट जाएगी ये डोरी
क्यों करते हो कभी धन तो कभी मन की चोरी
जीवन वो जीवन है जो औरों के जीवन में खुशियाँ लाये
वो जीवन भी क्या जीवन जो दुसरो को सताए
चलो बढ़ो इस जीवन में कर लो कुछ ख़ास
ताकि मरने के बाद दुनिया बोले थी तुम में भी कुछ बात