हाँ मुझे तुमसे हुई मोहब्बत है..
हाँ मुझे तुमसे हुई मोहब्बत है..
तुम जो दिन – रात ख्वाबों में समाये हो..
तुम ही मेरे खयालों में अब छाए हो..
जब सोचता हूँ तुम्हारे दीदार के बारे में..
तब दिल में मीठा दर्द उठ जाता है..
लोग समझाते हैं मुझे क्या करते हो ..
इश्क करना ठीक पर थोड़ा थोड़ा करते रहो..
लेकिन इनको कौन समझाए आखिर..
इश्क में क्या कम और क्या थोड़ा होता है..
तुम जैसा दिलदार जिसकी किस्मत में आ जाये..
उसकी दीवानगी का कोई साहिल नहीं होता है..
अब तो तुम्हारी आँखों के जाम पी कर..
तुम्हारी बातों की मिठास में जी कर…
ये ज़िन्दगी गुज़रेगी.. यूँ ही .. यूँ ही.. यूँ ही…