ख्वाबों में जब आते हो – हिंदी कविता
ख्वाबों में जब आते हो
क्यों इतना तड़पाते हो
दिल के बाग़ के गुलाब हो तुम
क्या कहूँ कितने लाजवाब हो तुम
तुम्हें देख कर आहें भरती हूँ
न दिखो कभी तो डरती हूँ
ओ मेरे मन मंदिर के राजा
करलो मुझसे अब इक वादा
छोड़ोगे न मेरा दामन
चाहे बीतें जन्मों जनम