अंखियो के झरोखों से
पलकों तक जाना है..
सपनों के रस्ते से..
अब दिल में समाना है..
१. तुझे जबसे देखा है
तुझे जब से जाना है..
बस सोचा यही मन में..
तुझे अपना बनाना है..
अंखियो के झरोखों से..
२. जब सामने तू आता है..
दिल का ये फ़साना है..
धड़कन ही गुम सी है..
पर जिंदा दीवाना है..
अंखियो के झरोखों से
पलकों तक जाना है..
सपनों के रस्ते से..
अब दिल में समाना है..
(अनुष्का सूरी )