तू दिल में रहता है
आँखों में पानी सा बहता है
कानो में घुंगरू सा बजता है
नींद में सपने सा लगता है
रेगिस्तान में प्यास सा
दुःख में आस सा
दिल में दर्द बनके रहता है
बातों में मिठास बनके कहता है
दिल तुझे रोज़ ढूंडा करता है
दिल तुझे रोज़ माँगा करता है
काश मुझे मिल जाता तू कभी
ये सिसक अज भी है मन में
क्या तू मेरा हो पायेगा कभी
ये आशा अज भी है मन में
यु तो तुझसे बात हम नहीं किया करते
पर तुझे नहीं पता कितना यद् तुझे करते है
कभी हमारा एक होना हो पाए जो मुमकिन
तो हमको आके बताना बेझिझक
तेरी राह में हम तब भी
शायद आंसू बहाया करते होंगे
(लेखिका : अनुष्का सूरी )