जब से तुम मिले हो मेरे जानम
दूर हुए हैं सारे गम
भूल गए हम कि क्या थे हम
ये भी याद नहीं अब क्या हैं हम
शीशा देखें तो याद आते हो तुम
सुबह की किरण से मुस्कुराते हो तुम
फूलों से खूबसूरत और कमल से कोमल हो तुम
लाखों करोड़ों में एक चाँद की सूरत हो तुम
तुमसे क्या कहें कि कितनी प्यारी मूरत हो तुम
हम तो यह ही सोचते रह जाते हैं
कि तुमको निहारें या तुम्हारी कारीगरी को
– अनुष्का
wow.. bahoot khoob.