मैं शायर तो नहीं
पर दिल शायराना चाहता है
तू कातिल तो नहीं
मैं तेरी नजरो से घायल हूँ कहीं
तू ही मौला तू ही जूनून है
तेरे पास आके ही मिलता सुकून है
तू बोले तो जियें
जो बोले जो सर क़त्ल किये
जो जागे तो है सवेरा
तू न दिखे तो रहे अँधेरा
तुझसे ही हर सुबह
तुझसे ही हर शाम है
इन होठो पर खुदा से भी पहले
बस तेरा ही नाम है
यु तो क़त्ल हुए लाखो तेरे दीदार भर से
पर तुझपर मरने वालो में अपना भी कुछ नाम है
(अनुष्का सूरी)
Hello,
Anushka ji. . . .
Apki shayariya bahut achi hai, mujhe bahut achi lagti hai, wese me bhi likhta hu, par ap bahut achi likhti ho. . . .
बहुत अछे
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what u write is really true and heart touching
thanks
Thanks so much. I am thankful for kind words.
nice:)
Thanks Divya 🙂